तुम कृष्ण हो मेरे पूरे से मैं राधिका तुम्हारी अधूरी सी। तुम कृष्ण हो मेरे पूरे से मैं राधिका तुम्हारी अधूरी सी।
पर तू रहे खुश सर्वदा है मेरी मन की अभिलाषा है दुआ रब से यही साथ पर तू रहे खुश सर्वदा है मेरी मन की अभिलाषा है दुआ रब से यही साथ
आनंद मगन हो आया फागुन का मदमस्त महीना आया। आनंद मगन हो आया फागुन का मदमस्त महीना आया।
है रूप सलोना सजे पीताम्बर तन वारी जाये कान्हा पर राधा सुबह शाम है रूप सलोना सजे पीताम्बर तन वारी जाये कान्हा पर राधा सुबह शाम
प्रेम की डोर में बंधा बन्धन राधिका। प्रेम की डोर में बंधा बन्धन राधिका।
बस अब देरी नहींकोई मनसा अधूरी नहींमें और तू कहानी के दो पहलू अब छोड़ जिद ओर आ जा "मैं माँग तेरी भर लू... बस अब देरी नहींकोई मनसा अधूरी नहींमें और तू कहानी के दो पहलू अब छोड़ जिद ओर आ जा ...